Thursday, 9 July 2009

Rubaru milenge...

ये क्या रोज़ रोज़ कीबोर्ड पर उंगलियाँ नचवाना...
मोबाईल के कीपेड पर
फेस्बुक के स्टेट्स मसेज में
गूगलटॉक के खाने में
जैसे कि ज़बान नही कीबोर्ड बातें करता हो
उंगलियों के टेरवो पर पूरी कायनात
तस्वीरों में दोस्तों को हस्ते देखो
खुशी और ग़म
निराशा और आशा
गुस्सा और पागलपन
जज़्बातों के भी सिम्बोल
ऐसा भी नही कि सब कुछ झूठा है,
लेकिन थोड़ा ज़्यादा हावी है,
हम पर
किसी नशे की तरह
एक जाल की तरह
बॉस बहुत हुआ
रूबरू मिलेंगे...

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